G-20 क्या है what is G-20
G-20 क्या है
G20 एक आर्थिक गठबंधन है जिसमें विश्व के 19 राज्य और यूरोपीय संघ की निर्देशाधीन जगहों से एक संगठित दल शामिल है। इस गठबंधन के लक्ष्य हैं, विश्व अर्थव्यवस्था के विभिन्न मुद्दों पर सहयोग करना और संभवतः संभव तत्वों को निराकरण करना। इस गठबंधन के सदस्य देशों का कुल जीडीपी लगभग 80% है, इसलिए इसका महत्व अत्यधिक है। G-20 का प्रथम सम्मेलन 2008 में आयोजित किया गया था।
What is G-20 |
G-20 का गठन
G-20 वह आर्थिक गणतंत्र है जो विश्व के अर्थव्यवस्थाओं को सम्मिलित करता है। इसका गठन 1999 में हुआ था, जब एक आर्थिक वित्तीय संकट के बाद विश्व के उदारीकरण की मांग थी। इस समूह के गठन का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में आर्थिक विकास को सुनिश्चित करना है।
G-20 का गठन दुनिया के 19 देशों और यूरोपीय संघ से मिलकर किया गया था। इसका मूल सदस्य हैं अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, ब्राज़िल, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और यूरोपीय संघ।
G-20 दुनिया के विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं के संचालन में भूमिका निभाता है और दुनिया भर में आर्थिक मुद्दों के समाधान के लिए एक मंच के रूप में काम करता है।
G-20 में कौन से देश शामिल है ?
G-20 में निम्नलिखित 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं:
अर्जेंटीना
ऑस्ट्रिया
ब्राज़िल
कनाडा
चीन
फ्रांस
जर्मनी
इंडोनेशिया
इटली
जापान
मेक्सिको
रूस
सऊदी अरब
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण कोरिया
तुर्की
यूनाइटेड किंगडम
अमेरिका
यूरोपीय संघ
यह समूह विश्व के प्रमुख आर्थिक शक्तियों को सम्मिलित करता है और विश्व अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए सहयोग करता है।
G-20 की कार्यशैली
जी-20 एक ऐसा समूह है जो विभिन्न देशों के आर्थिक मामलों और उनसे जुड़ी मुद्दों पर सहमति बनाने और समस्याओं को हल करने के लिए एक साथ काम करता है। जी-20 की कार्यशैली में निम्नलिखित चार मुख्य विषय होते हैं:
आर्थिक नीति: जी-20 सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों का एक साथ आना एक आर्थिक नीति तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसमें रुपये के स्वरूप, निवेश, बैंकिंग नियम और दूसरी वित्तीय मुद्दों का समाधान शामिल होता है।
ट्रेड और निवेश: व्यापार और निवेश संबंधी मुद्दों पर चर्चा करना और विभिन्न देशों के बीच व्यापार संबंधों को बढ़ावा देना जी-20 की कार्यशैली में महत्वपूर्ण होता है। इसमें उत्पादों और सेवाओं के व्यापार के साथ-साथ, निवेश नीतियों, आर्थिक और कानूनी मुद्दों को भी शामिल किया जाता है।
विश्व अर्थव्यवस्था जी-20: विश्व अर्थव्यवस्था जी-20 लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। जी-20 देशों का समूह विश्व र्थव्यवस्था के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करता है जो व्यापार, निवेश, बैंकिंग, वित्त और मूल्यांकन समेत होते हैं।
विश्व अर्थव्यवस्था G-20 की कार्यशैली में महत्वपूर्ण बिंदुओं में शामिल होते हैं, जैसे कि:
वित्तीय स्थिरता: जी-20 देशों के वित्तीय मंत्रियों की बैठकों में आर्थिक नीति को तैयार करने के लिए अहम बिंदु है। यह वित्तीय स्थिरता के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करता है, जैसे कि बैंकिंग नियम, संभवित उद्धारण, उचित निवेश और अधिकृत मूल्यांकन जैसे विषयों पर।
भारत का विश्व मंचों पर वर्चस्व G-20
भारत जी-20 विश्व मंच पर वर्चस्व का एक महत्वपूर्ण सदस्य है। जी-20 एक ऐसा समूह है जो विभिन्न देशों के महत्वपूर्ण आर्थिक विषयों पर चर्चा करता है। इसमें भारत एक सक्रिय सदस्य है जो इस समूह के नेतृत्व और संबंधों का उन्नयन करने में निरंतर योगदान दे रहा है।
जी-20 के बारे में जानने के लिए, भारत ने विभिन्न मुद्दों पर अपने पक्ष को जाहिर किया है जैसे कि वित्तीय स्थिरता, स्वतंत्र व्यापार और विश्व अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर। भारत की उच्च स्तर की आर्थिक विकास दर और उसकी व्यापार शक्ति ने इसे एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाया है।
भारत जी-20 के बैठकों में अपने वित्तीय नीति और मुद्दों को आगे बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है। भारत की अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है और इसे वृद्धि देने के लिए उसकी संभावनाओं का सही उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
भारत में होने वाले जी-20 की थीम क्या है?
जी-20 एक अंतर्राष्ट्रीय मंत्रिमंडल है जिसमें विभिन्न देशों के वित्त मंत्री और अर्थशास्त्री शामिल होते हैं। भारत के वित्त मंत्री भी इस मंत्रिमंडल का हिस्सा होते हैं। इसकी स्थापना 1999 में हुई थी तथा इसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय सहयोग और समझौतों के माध्यम से दुनिया भर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
जी-20 की थीम अक्सर बदलती रहती है तथा इसे आयोजित करने वाले देश इसे अपनी स्थिति के अनुसार तय करते हैं। इस मंत्रिमंडल की प्रमुख थीम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय निर्णयों को सुधारना तथा विश्व अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देना होती है।
G-20 अगली अध्यक्षता किस देश के पास? 2023
ग-20 की अगली अध्यक्षता इंडोनेशिया के पास होगी। इंडोनेशिया ग-20 की अध्यक्षता अक्टूबर 2022 से संभालेगा और अध्यक्षता के दौरान वे ग-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे जो 2023 में होने वाला है।
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