कांग्रेस का गठन Congress party

 कांग्रेस का गठन 


कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी है। इसकी स्थापना 28 दिसंबर, 1885 को मुंबई में ब्रिटिश भारत के राजकीय नेता आलेख्य चरण बसु, दादाभाई नौरोजी, बदरुद्दीन तायबजी, गोपाल कृष्ण गोखले, परसराम बजाज और डी. केएम महेश्वरी जैसे अन्य विचारवंतों द्वारा की गई थी।

Congress party


कांग्रेस की स्थापना का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के भारत पर नियंत्रण को खत्म करना था। संगठन के स्थापना से पहले इसे भारतीय नेशनल कांग्रेस का नाम दिया गया था, लेकिन 1923 में इसे सिर्फ "कांग्रेस" नाम दिया गया।


कांग्रेस के संगठन में पहली बार बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी लेने का अवसर इंडियन अधिवेशन के रूप में 1885 में दिया गया था। संगठन के अध्यक्ष के रूप में अलान मैकलिंटॉश नामित किया गया था और वह ब्रिटिश वाइसराय के सहायक थे।

संगठन के उद्देश्य के साथ, कांग्रेस ने अपने ध्येय को भी स्पष्ट किया था।

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कांग्रेस में संगठन कैसे करता है काम

कांग्रेस भारत की एक राजनीतिक पार्टी है जो देश की राजनीति में अहम भूमिका निभाती है। इस पार्टी में संगठन काम के लिए कई तरह की उपयोगी विधियां होती हैं।

कांग्रेस में संगठन का प्रमुख मंच राष्ट्रीय कार्यकारिणी होता है। इसके सदस्यों का चयन पार्टी के नेताओं द्वारा किया जाता है। यह मंच पार्टी की नीति निर्धारण, संगठन के निर्णय और पार्टी की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है।

कांग्रेस में विभिन्न क्षेत्रों के लिए कार्यकर्ता समितियों की गठन की जाती है। ये समितियां न्याय, शिक्षा, स्त्री, किसान, युवा, आदि क्षेत्रों के लिए बनाई जाती हैं। इन समितियों के सदस्यों का चयन भी पार्टी नेताओं द्वारा किया जाता है।

कांग्रेस में विभिन्न राज्यों के लिए भी समितियां बनाई जाती हैं। इन समितियों का काम राज्यों में पार्टी के कार्यकर्ताओं के संगठन, विस्तार और नीति निर्धारण के लिए होता है।


  • ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (AICC) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (INC) का सबसे ऊपरी संगठन है। यह कमिटी पार्टी की नीति निर्धारण, विस्तार, और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होती है।

AICC में देश भर से कई सदस्य होते हैं, जो अपने राज्यों और क्षेत्रों से चुने जाते हैं। यह सदस्यों का मंडल होता है, जो पार्टी के नेतृत्व के साथ समन्वय करता है और पार्टी की नीतियों और लक्ष्यों को समझाता है।

AICC का काम अधिकतर महत्वपूर्ण निर्णयों को लेना होता है, जैसे राष्ट्रीय चुनावों के अभ्यास, राज्यों में प्रतिनिधित्व के लिए उम्मीदवारों का चयन, नीतियों का निर्धारण, आदि।

AICC के सदस्यों का चयन पार्टी नेताओं द्वारा किया जाता है। AICC का नेतृत्व भी पार्टी नेताओं द्वारा किया जाता है और यह पार्टी के सभी नेतृत्व के साथ समन्वय करता है।


  • प्रदेश कांग्रेस कमिटी (PCC) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की एक महत्वपूर्ण संगठन है। यह कमिटी राज्य के स्तर पर कांग्रेस पार्टी के सभी सदस्यों का समूह होता है, जो राज्य में कांग्रेस के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए काम करता है।

PCC के प्रमुख कार्य इस पार्टी के नेतृत्व और उद्देश्यों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए कार्य करना होता है। इसके अलावा, PCC को राज्य स्तर पर चुनाव के लिए योजना बनाने और उम्मीदवारों का चयन करने का भी जिम्मा होता है। इसके साथ ही PCC को राज्य के आम लोगों के मसलों और आर्थिक विकास के मुद्दों को उठाने और हल करने के लिए भी काम करना पड़ता है।

PCC के सदस्यों का चयन राज्य के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के वोट से होता है। PCC का अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष केंद्रीय कांग्रेस कमिटी (AICC) द्वारा नियुक्त किए जाते हैं।


  • कांग्रेस संसदीय दल (CPP) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का राज्यसभा और लोकसभा में उपस्थित सदस्यों का एक समूह है। इसका मुख्य उद्देश्य संसद में पार्टी की नीतियों और मुद्दों को बेहतर तरीके से प्रस्तुत करना और पार्टी स्थायी आंकड़ों के साथ विचार विमर्श करना होता है।

CPP का अध्यक्ष कांग्रेस के अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किया जाता है और इसके सदस्यों का चयन पार्टी के सदस्यता और संसद में पार्टी के सदस्यों द्वारा किया जाता है। CPP के सदस्य नियमित रूप से बैठकों में शामिल होते हैं और पार्टी की नीतियों और मुद्दों के सम्बन्ध में विचार विमर्श करते हैं।

CPP उन विषयों पर भी राय रखता है जो संसद में परिचर्चा के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। यह संसद के अलावा भी अपने मत का एक माध्यम होता है जिसके जरिए पार्टी अपने विचार विमर्शों को संदर्भित कर सकती है।

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  • कांग्रेस विधायक दल (CLP) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के विधायकों का एक समूह है। इस समूह का मुख्य उद्देश्य विधायकों की राजनीतिक लाइन को संगठित रूप से व्यवस्थित करना और विधानसभा में पार्टी की नीतियों को बेहतर तरीके से प्रतिनिधित्व करना होता है।

CLP अपने सदस्यों को विधानसभा में पार्टी की नीतियों और मुद्दों को प्रस्तुत करने और विधानसभा की कार्यवाही के समय पार्टी के हितों की रक्षा करने के लिए तैयार करता है। इसके अलावा, CLP सदस्यों की नियुक्ति भी करता है जो विधानसभा की विभिन्न समितियों में उपस्थित होते हैं।

विधायकों के संगठन के लिए CLP निर्देशक मंडल भी नियुक्त करता है जो विधायकों को पार्टी की नीतियों और मुद्दों के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए तैयार होते हैं।

कांग्रेस का राजनैतिक इतिहास 

कांग्रेस भारत की सबसे पुरानी राजनैतिक दलों में से एक है। यह दल 1885 में बनाया गया था और इसका उद्देश्य भारत में ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक संघर्ष संगठन की तैयारी करना था। कांग्रेस ने अपने वर्षों के दौरान भारत के स्वतंत्रता और राजनीतिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कांग्रेस का पहला अध्यक्ष आलेन ऑक्सफोर्ड थे जो ब्रिटिश शासन के विरोध में संगठित हुए थे। दल की शुरुआत में उन्हें राजनीतिक दल के रूप में मान्यता नहीं मिली थी। लेकिन बाद में बड़ी संख्या में भारतीय नेताओं के सहयोग से इस दल की मान्यता बढ़ी।

कांग्रेस के पहले अध्यक्ष आलेन ऑक्सफोर्ड ने 1885 से 1888 तक इसे अगुआ वायसरॉय के खिलाफ लड़ाई में शीर्ष रूप से आगे बढ़ाया। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने भारत के स्वतंत्रता के लिए एक सशक्त आंदोलन शुरू किया।

कांग्रेस ने अपने अधिवेशन के बाद स्वतंत्रता संग्राम के साथ जुड़ा।





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