भारत में वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता, प्रयास और प्रमुख चुनौतियाँ
भारत में वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता
भारत एक विशाल देश है जिसमें विभिन्न जीव-जन्तुओं की बहुत सारी जातियां हैं, जिन्हें वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता होती है। भारत की जीव विविधता बहुत उच्च है और इसे संरक्षित रखने के लिए वन्यजीव संरक्षण की जरूरत होती है।
भारत में कुछ वन्यजीव जैसे बाघ, शेर, हाथी, बंदर, बारहसिंगा, नीलगाय, चीता, लकडबग्घा, गौर और बैल आदि जैसे प्रमुख जीव-जन्तु धीमी गति से संख्या में कम होते जा रहे हैं।
इन जानवरों को संरक्षित रखने के लिए भारत सरकार ने अनेक वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिसमें जंगली जीवन के संरक्षण के लिए विभिन्न उपाय जैसे जंगली जीवन के संरक्षण के लिए वन्यजीव अभयारण्यों के निर्माण, वन्यजीवों के विकास के लिए प्रबंधन नीतियों का विकास और संचालन, तंत्रों का विकास, और जीव-जंतु संरक्षण के लिए जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
भारत में वन्यजीव संरक्षण का प्रयास
भारत में वन्यजीव संरक्षण का प्रयास बहुत लंबे समय से किया जा रहा है। भारत सरकार ने वन्यजीव संरक्षण को एक प्राथमिकता मानते हुए कई कदम उठाए हैं। कुछ विशेष पहलू निम्न हैं:
वन्यजीव अभयारण्य: भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए अभयारण्यों की स्थापना की जा रही है। अभयारण्य उन स्थानों को कहते हैं जहां वन्यजीवों को रहने के लिए अनुकूलता मिलती है। भारत में अभयारण्यों की संख्या बढ़ती जा रही है।
वन्यजीव संरक्षण के कानून: भारत में वन्यजीव संरक्षण के लिए कई कानून बनाए गए हैं। इनमें से प्रमुख हैं वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 2003। इन अधिनियमों के तहत वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है और उनके विरुद्ध जुर्म करने वालों को सख्त सजा दी जाती है।
वन्यजीवों की जागरूकता: वन्यजीवों की जागरूकता कार्यक्रम उनके संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय हैं। यह कार्यक्रम लोगों को वन्यजीवों के महत्व के बारे में जागरूक करने के लिए बनाया गया है।
इस कार्यक्रम के तहत, भारत सरकार वन्यजीवों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलू शामिल करती है। यह वन्यजीवों के महत्व, उनके संरक्षण के तरीके, उनके प्रकृति से जुड़े तथ्य और उनके खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करता है।
भारत में वन्यजीव संरक्षण की प्रमुख चुनौतियाँ
भारत वन्यजीव संरक्षण के लिए अपनी विश्व प्रसिद्धता को बरकरार रखने की चुनौतियों से गुजर रहा है। कुछ प्रमुख चुनौतियां निम्नलिखित हैं:
जंगलों की अत्यधिक कटौती: जंगलों को कटौती और विकास के लिए हटाया जाता है, जो वन्यजीवों के निवास स्थानों को नष्ट करता है। इसके अलावा, जंगलों की घनत्व कम होने से जंगली जानवरों को उनके खाद्य संसाधनों से वंचित करता है।
बेरोजगारी और अवसाद: वन्यजीवों को तस्करों और अन्य अवैध शिकारियों से बचाने के लिए, उन्हें रक्षकों की आवश्यकता होती है। लेकिन उन्हें अपनी आजीविका बनाने के लिए भी कुछ करना होता है। वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र में रोजगार की कमी और अवसाद की समस्या सामान्य है।
असंतुलित विकास: वन्यजीव संरक्षण का सबसे बड़ा चुनौती असंतुलित विकास है। अधिकांश लोग विकास के लिए बढ़ती आवश्यकताओं की वजह से जंगलों को कटौती करते हैं।
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