निर्वाचन आयोग को तीन सदस्यीय आयोग कब बनाया गया?
निर्वाचन आयोग को तीन सदस्यीय आयोग कब बनाया गया?
निर्वाचन आयोग को तीन सदस्यीय आयोग बनाने का निर्णय भारतीय संविधान के 324 और 327 अनुच्छेदों द्वारा लिया गया था। भारत संविधान के तहत, निर्वाचन आयोग को तीन सदस्यों से बनाया जाना चाहिए, जिन्हें राष्ट्रपति नियुक्त करता है। निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य भारत के विभिन्न निर्वाचनों के लिए चुनाव की व्यवस्था करना होता है।
निर्वाचन आयोग को तीन सदस्यों के रूप में बनाने का निर्णय जनवरी 1950 में लिया गया था। निर्वाचन आयोग की स्थापना का उद्देश्य भारत में न्यायपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करना था।
वर्तमान में भारत का निर्वाचन आयोग कौन है?
वर्तमान में भारत का निर्वाचन आयोग है श्री सुनील अरोड़ा। उन्हें 2 दिसंबर 2018 को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। श्री अरोड़ा ने अपने नियुक्ति से पहले भी निर्वाचन आयोग के सदस्य के रूप में कार्य किया था।
निर्वाचन आयोग का मुख्य कार्य भारत के विभिन्न निर्वाचनों के लिए चुनाव की व्यवस्था करना होता है और इसका उद्देश्य न्यायपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव आयोजित करना होता है। इसके अलावा, निर्वाचन आयोग भारत के निर्वाचन संबंधी विभिन्न नियम और विधियों का भी पालन करता है।
भारतीय चुनाव आयोग के तीन मुख्य कार्य हैं:
चुनाव की व्यवस्था करना: चुनाव आयोग का मुख्य कार्य भारत में विभिन्न चुनावों की व्यवस्था करना होता है। इसके लिए आयोग निर्वाचन की तिथि, मतदान केंद्रों की स्थापना, वोटर लिस्ट का तैयारी, विज्ञापन करने और चुनाव से संबंधित अन्य कार्यों की व्यवस्था करता है।
चुनावी धार्मिकता की सुरक्षा करना: चुनाव की स्थिति में आयोग की अहम जिम्मेदारी देश में चुनावी धार्मिकता की सुरक्षा करना होती है। इसके लिए, आयोग चुनावी धार्मिकता से संबंधित भ्रमों को दूर करने के लिए उपयुक्त कदम उठाता है और लोगों को सकारात्मक ढंग से मतदान के लिए प्रोत्साहित करता है।
निर्वाचन संबंधी कानून और नियमों का पालन करना: चुनाव आयोग निर्वाचन संबंधी विभिन्न कानूनों और नियमों का पालन करता है। इसके अलावा, आयोग निर्वाचन संबंधी विवादों और उनके हल के लिए भी उपलब्ध होता है।
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